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शनिवार, 22 मई 2010

किया ने घर पर रोजगारीके यी अवसर प्रयोग करी

किछए दिन पर्ूव मित्र सभ संगक बैसारमे यी बात आएल जे रोजगारीक कोनो अवसर मिथिला नहि उत्पन्न भ रहल अछि जाहिसं यूवासभमे समाज आ अप्पन जिनगी प्रति जिम्मेवारीताके अभाव आवि रहल अछि । यी बात हमरा सोरहो आना साच लागल, पैछला किछ साल सं हम मिथिलाञ्चलक नेपाल भू भागक बहुत भ्रमण कएने छि आ यी बात सभठमक समस्या अछि से बुझवामे कनिको दिक्कत नहि बुझाएल । नेपाल दिसं नवयूवक सभक लेल विदेश जएनाई एहन परम्परा बनि गेल अछि जे कनेक छटिगर होइत देरि ओ लोेकनि पासपोर्ट बनेबामे लागि जाइत छथि आ फेर किछु घुसघास द क अप्पन नागरिकता आ पासपोर्ट उमरि पहुंच सं पहिने बना लैत छथि । एहि सं एक टा बात त बहुत निक जका भ रहल छै जे गामघरमे आव सामान्य सं सामान्य परिवारके सेहो पहिने जका दे छाक भोजन करए ला आब बेसि सोच नहि पडैत छेै । लोक जे विदेश जा क अबैत छथि ओ लोकनि शिक्षाक प्रति बेसि सजग रहैत छथि आ अप्पन बाल बच्चाक शिक्षामे बेसि संजिदा भ क लगानी करैत छथि । आम सञ्चार आ सञ्चारमे लोकक पहुंच बढलैक अछि ।
देशक आर्थिक लाभमे सेहो एकर बहुत बडका योगदान रहल अछि । लोकक जिनगीक स्तर बढि रहल छै एकरा संगे लोक बेसि एडभान्स भ रहल छथि । मुदा एकर दोसर दिसं ततबे बेसि एकर असर सेहो समाजमे देखल जा रहल अछि । लोक कतेक दुःख सं पाइ कमबैत छथि ओतबे आसानीसं घरक लोक पाइ उडा रहल छथि आ किछ दिन बाद जखन जवानी संग देनाइ छोडि दैत छै तखन बचत पर्याप्त नहि रहैत छन्हि आ फेर जिनगी ओहिना चल लगैत छै, जेना विदेश जेवा सं पहिने छलैक । दाम्पत्य जिवन सेहो तेहने रहि जाइत छै, मुश्किल सं ३ सालमे ३ महिनामे लोक घर रहि पबैत छथि । दोसर तरफ जे लोक गामघरमे रहैत छथि ताहिमे किछु खेतिपाति करैत छथि आ बहुत ओहिना गाम घरमे तास खेलक दिन काटि लैत छथि । स्थानिय स्तरमे रोजगारीके कोनो निक इन्तजाम नहि भेलासं किछु खुराफात लोग हतियार बन्द संगठनमे सेहो लागि जाइत छथि । एहि स जे किछु होइ मिथिलाक यूवा सभक एकटा बहुत पैघ हिस्सा अनुत्पादकतामे समय व्यतित क दैत अछि । एहिक लेल एक टा छोट छिन बजेटिङ्ग हमरा सभ बनेने रहि जे किछु ठाम प्रयोग करबा लेल प्रयास भ रहल अछि से पोस्टिङ्ग कएने छि

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