सु स्वागतम्

मैथिली प्रेमी सम्पर्ूण्ा मित्रगणके एहि व्लग पर हार्दिक स्वागत अछि । अप्पन माटि पानिके प्रेम हमरा लोकनि के उत्कर्षपर पहंुचाबैत रहै

गुरुवार, 20 मई 2010

कतय सं सुरु करु ?

बहुत दिन सं मनमे किछु बात सभ अबैत रहैय, कखनो बहुत खुशी त कखनो बुझाइए जे सबकिछु छोडिक कतौ पडाए जएतहुं । मुदा जिनगी बड ओझरायल होइत छै । चाहैत चाहैत किछ काज नहि क सकैत छि आ किछ काज ओहुना भ जाइत छै । आजुकाल्हि गाम सं बहुत दुर देशक राजधानीमे रहैत छी तें स्वभाविक छै जे अप्पन गामघर बड मोन पडैय....कखनो सोचैत छि कि हमर जिनगी अहिना वित जायत, जिनगीभरि नोकरी करैत रहब आ एहिना अप्पन समय बेचैत रहब तखन हमर जिनगीक कोन स्वकाज रु हमरा नहि भेने दुनियांके कोन काज थम्हि जेतै रु कोन काज नहि हेतै रु अप्पन मन एहिना मारैत रहब तखन एकदिन हमहुं चार्ल्स डिकेन्सके नोभल स्टोरी अफ नो वन्स भ क रहि जाएव...कि करु किछु समझमे नहि आवि रहल अछि तंए इ व्लग सुरु कएलहंु अछि..शुद्ध तिरहुतिया भाषामे...जे हमर कण कणमे सन्हियायल अछि । बहुत दिन सं सेहन्ता छल जे कहियो हमहुं किछ लिखतहुं आब शायद ओ पुरा हएत....किछ फोटो तिरहुतिया या सम्पर्ूण्ा मधेसक संग रखबे करब....जय मिथिला...जय मैथिल

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